Wednesday, August 17, 2011

अन्ना हजारे, मेरे फेसबुक स्टेटस में...

17 अगस्त, 2011 को दोपहर 16:10 बजे...
देश-भर में अन्ना के समर्थन में सिर्फ भीड़ का हिस्सा बन जाने से ज़्यादा ज़रूरी है, भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने मन को प्रतिबद्ध करना... सो, प्रण लीजिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध, और वह होगा अन्ना का समर्थन करना...

17 अगस्त, 2011 को दोपहर 15:00 बजे...
सीखो राहुल, सीखो... गरीबों के घर पर जाकर तस्वीरें खिंचवाने से तुम उतनी भीड़ नहीं जुटा पाए, जबकि तुम 'राजपरिवार का सदस्य' भी हो, तथा 'फर्स्ट टु द थ्रोन' भी कहे जाते हो... सो, सीखो अन्ना हजारे से, भीड़ जुटाने से भीड़ नहीं जुटती... भीड़ में मौजूद आम इंसान और उसकी तकलीफों से जुड़ने पर भीड़ खुद-ब-खुद जुट जाती है...

16 अगस्त, 2011 को दोपहर 14:10 बजे...
आज़ादी की लड़ाई में गांधी ने बहुत कुछ किया, लेकिन सत्ता नेहरू (बाद में उनके परिवार) को मिली... अब अन्ना गांधीवादी तरीका अपना रहे हैं, एक सही काम के लिए...

16 अगस्त, 2011 को दोपहर 13:20 बजे...
कल प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर तिरंगा फहरा रहे थे, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ थी; लेकिन आज सुबह-सुबह यकीन करना मुश्किल हो गया कि मेरा मुल्क सचमुच आज़ाद है...

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